मनोरंजन

गीतिका – मधु शुक्ला

जिंदगी का सफर सुहाना है,

दिल अगर आपका दिवाना है।

 

त्याग से मित्रता रहेगी तो,

प्रेम पावन सदैव पाना है।

 

छल, कपट जब न पास आयेगा,

नाम, यश को करीब आना है।

 

भाव उपकार मन सहेजेगा,

तब दुआ को बहार लाना है।

 

बाँटता जो खुशी सुखी रहता,

बात अनुभव भरी बताना है।

 

रूप हैं प्यार के कई जग में,

फैसला आपको सुनाना है।

 

वक्त जो ईश ने दिया हमको,

पुण्य उसमें हमें कमाना है।

— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश

Related posts

अपने पूर्वज – सम्पदा ठाकुर

newsadmin

महिला कल्याण समिति द्वारा बोकारो टेलीकॉम उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

newsadmin

ग़ज़ल – विनोद निराश

newsadmin

Leave a Comment