अब ना हो कोई गम,
ना किसी की आंखे नम,
दीप प्रेम का सनम,
दिल में जलाइये।
इंतजार ना बात का ,
सदियों से हो साथ का ,
जुनून जज़्बात वही ,
फिर से तो लाइए ।।
ये दिल की आवाज है,
बस तुम्हारे साथ है ,
जीवन का हिस्सा इसे ,
अपना बनाइए।।
मिलते हैं लोग जब ,
करते हैं भोग सब,
ना रहे ऐसा चलन ,
जहां से मिटाइए ।।
– सम्पदा ठाकुर, मुंगेर , बिहार