राज दिल के अब बताया तो करो,
वायदा करके निभाया तो करो।
दूर हमसे आप रहते क्यो भला,
प्यार से हमको बुलाया तो करो।
आ जरा बाँहो मे अपने यार के,
पास अपने भी बुलाया तो करो।
रात दिन तुमकों पुकारूँ श्याम मैं,
घर मेरे कान्हा जी आया तो करो।
खूबसूरत अब लगे है जिंदगी,
प्यार से नगमें सुनाया तो करो।
नींद तुमको भी मिलेगी सुन ले*ऋतु,
जाम उल्फत का पिलाया तो करो।
– रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़