मनोरंजन

झूठा मूठा प्यार – अनुराधा पाण्डेय

अभी हमारे पास न आओ…

झूठा मूठा प्यार दिखा कर।

 

हमसे अच्छा जो मिल जाए ,

जाओ उसको गले लगाओ।

रहने दो अब हमें अकेली ,

बातों में तुम मत उलझाओ।

दिखा रहे हो व्यर्थ युगों से…

हमें हवा में किले बनाकर।

अभी हमारे पास न आओ

झूठा -मूठा प्यार दिखाकर।

 

स्वर्ण काल तो बीत रहा है ,

नित कहते हो ,”कल आऊँगा”

कहते हो जब,”आऊँगा तो ,

पुनः न मैं वापस जाऊँगा ”

नित दिन फुसलाया करते हो..

हमें यही तो बता-बताकर।

अभी हमारे पास न आओ…

झूठा-मूठा प्यार दिखाकर।

 

ऐसे छलिया से हम भी अब,

जाओ ! कोई बात न करते।

खो जाओ तुम भी सपनों में,

हम भी काली रात न करते।

हुआ ज्ञात रोना पड़ता है..

इक पत्थर से प्रीत लगाकर।

अभी हमारे पास न आओ

झूठा-मूठा प्यार दिखाकर।।

– अनुराधा पाण्डेय, द्वारिका, दिल्ली

Related posts

ग़ज़ल – रीता गुलाटी

newsadmin

दहक जाए ना फिर अनल – सविता सिंह

newsadmin

कुंडलिया सृजन – मधु शुक्ला

newsadmin

Leave a Comment