यार पैसा न काम आयेगा,
अब मेरा राम काम आयेगा।
साथ छोड़ेगी अब ये काया भी,
अब न ये चाम काम आयेगा।
यार रिश्ते सभी ये झूठे हैं,
बस तेरा राम काम आयेगा।
चाम के बाद फिर बचेगा क्या?
सबको आवाम याद आयेगा।
भूल जा अब बुरा नही सोचो।
जो दे आराम काम आयेगा।
– रीता गुलाटी ऋतंभरा, चण्डीगढ़