( 1 )” खि “, खिलखिलाती
धूप में मिल सभी,
बैठ, खाएं खिचड़ी आनंद से !
मकर संक्रांति का ये पर्व उत्सव..,
चले जीवन को हर्षाए, चहुँ ओर से !!
( 2 )” च “, चले
करता अब सूर्य प्रवेश,
मकर राशि में इस दिन से !
और करके स्नान, पवित्र नदियों में..,
दान-पुण्य करें, पाएं शुभ फल यहाँ पे !!
( 3 )” ड़ी “, डील-डौल
अच्छी कद-काठी वाले,
सभी खाते पकवान, गुड़-तिल के बने !
और लिए चलते आनंद इस पर्व का…,
करके पतंग बाज़ी, मकर संक्रांति पर्व पे !!
( 4 )” खिचड़ी “, खिचड़ी
बनाने से सुख-समृद्धि आए,
होएं, प्रसन्न भगवान सूर्य शनिदेव सभी !
खिचड़ी है, एक विशेष पौष्टिक आहार..,
इससे मिले हमें सर्दियों में खूब एनर्जी !!
– सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान