यूँ ना जाओ छोड़ कर……
तुम ना जाओ इस तरह
कि तुमसे बंधी है गिरह
तुम्हें नहीं जाने देंगे
बेफिजूल कैसी जिरह।
देख तेरे बस आने भर से
अमलतासी परिवेश हुआ,
पढ़ो जरा चेहरे उनकी
देते तुझको सदा दुआ।
होगा जब नहीं वो शोर
सूना सूना लगे हर ओर
धोनी धोनी वो एक शोर
कर देता मन को अंजोर।
उमंग नहीं फिर खेल में
छूटे कैसे थाला ये डोर।
अनहोनी को कर दे होनी
धोनी धोनी सिर्फ वो धोनी।
अनहोनी को करते होनी
इकलौता हम सबका धोनी।
– सविता सिंह मीरा,जमशेदपुर