नजर यार तेरी बनी प्यार की,
मिली अब खुशी यार संसार की।
खिले प्यार मे यार इतना अजी,
तेरी चाहतो ने हदें पार की।
झुका ली जो तुमने नजर प्यार से,
असर कर गयी वो नजर प्यार की।
न भूली हिदायत प्रिया आपकी,
ये कैसी घड़ी आज इंकार की।
चलो आज महफिल मे नाचेगे हम,
मिलेगी खुशी आज परिवार की।
न छोड़ो हमे यार मँझधार मे,
कसम आज तुमकों है करतार की।
– रीता गुलाटी ऋतंभरा, चण्डीगढ़