मनोरंजन

श्रीरामलला – सुनील गुप्ता

(1) ” श्री “, श्रीहरि

मूरत देख मनोहारी

धन्य हुआ ये जीवन सारा  !

नयनों ने छवि हृदय में उतारी…….,

देख नाच उठा तन-मन अद्भुत नज़ारा!!

(2) ” रा “, राघव

बाल स्वरूप में निहारें

देखें अपलक बिनु झपकाएं नयना  !

मानो स्वयं प्रभु हैं आज पधारे.,

पहन आएं अप्रतिम दिव्य गहना  !!

(3) ” म “, महादेवाभिपूजित

सभी के सरस सरल

हैं श्रीराम पीतांबरधारी  !

अलौकिक भव्य दिव्य मूरत विरल…..,

देखने उमड़ी नगरी अयोध्या सारी  !!

(4) ” ल “, ललाट पे

विराजे तिलक कुमकुम

लगें श्रीकरुणा निधान अति न्यारे !

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम…..,

बनें भक्तजनों के अति दुलारे प्यारे !!

(5) ” ला “, लाल कौशल्या

श्रीदशरथ सुत राम

कहलाए श्री अवध बिहारी   !

सर्वतीर्थमय बना मनोहर अयोध्या धाम..,

हैं शाश्वत जानकी वल्लभ श्रीहरि  !!

(6) ” श्रीरामलला “, श्रीरामलला

पधार रहे हैं अयोध्या

बज रही है चहुँ ओर रामधुन  !

शुभानन भक्तों का खिला हर्षाया,

दिखें सर्वदेवाधिदेव अति प्रसन्न  !!

(7)”श्रीरामलला”,श्रीरामलला

साकेत महल में आ विराजें

बनें सौम्य सच्चिदानंद विग्रह रुप  !

आ रहे देखने भक्तगण सजे धजे..,

बना अयोध्या दिव्य परंधाम स्वरूप!!

सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान

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