मनोरंजन

जाने वाले – रश्मि मृदुलिका

जाने वाले चले जाते है|

बड़ी होशियारी से,

पदचिह्नों के निशान,

छोडे़ बिना, ताकि,

ढूंढ न सके,

उनके कठोर व्यवहार के,

निर्मम पहलू उन्हें,

पीछा न करें ,

उनका मृतप्राय हो चुका जमीर,

और चंद आह,, किसी के,

आहत हुए मन से निकले हुए,

क्या वास्तव में,

ऐसा हो पाया है,

हिसाब- किताब तो तय है|

– रश्मि मृदुलिका, देहरादून , उत्तराखंड

Related posts

छंद – मधु शुक्ला

newsadmin

ग़ज़ल – रीता गुलाटी

newsadmin

प्रवीण प्रभाती – कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

newsadmin

Leave a Comment