मनोरंजन

वर दे माँ वीणा वादिनी – कालिका प्रसाद

बिना    ज्ञान   जीवन  लगे,

दिशा    हीन    और   व्यर्थ,

तेरी    करुणा   से     मिले,

सच्चा      जीवन     अर्थ।

 

तुम. हंसवाहिनी  ज्ञान दायिनी

माँ बल   बुद्धि  विद्या दायिनी ,

साहस   शील हृदय में  भर दो,

जीवन को त्याग तपोमय कर दो।

 

हमराही     हमराज    तुम,

कण – कण  में तुम ही  तुम ,

वीणा  के   तानों   में   तुम,

गीतों  की   झंकार    बनी।

 

वर देे माँ    वीणा   वादिनी,

धीरज    संयम  और   प्यार,

प्रार्थना   यही   माँ विनोदनी,

देना  मुझको सदा नेक विचार ।

– कालिका प्रसाद  सेमवाल

मानस सदन अपर बाजार

रुद्रप्रयाग    उत्तराखंड

Related posts

ग़ज़ल – निधि गुप्ता

newsadmin

गीत (हिन्दू नव वर्ष) – जसवीर सिंह हलधर

newsadmin

हिंदी दिवस पर वरिष्ठ कवि सुधीर श्रीवास्तव “हिंदी रत्न”, “हिंदी सेवी”, “हिंदी गौरव”, हिंदी कथा साहित्य ” सम्मान से हुए सम्मानित

newsadmin

Leave a Comment