महका फूलों से चमन, जागा हृद अहसास।
संदेशा यह प्यार का , लाया है मधुमास ।।
विचलित हृद का कोन है, आये जो पिय पास।
कैसे रोकूंगी सखी , वो पल होगा खास।।
नभ के तारों संग ही , देखूंगी शुभ साज।
चाँद सरीखे हुस्न को, नैनों में भर लाज।।
बिखरें मोती ओस के , पत्तों पर कण बूँद।
अद्भुत क्षण को जी रही, बरबस आँखें मूंद।।
कोरी है नहिं कल्पना , अनुपम है यह प्रीत।
जब तक जीवन है यहाँ, सदा निभाऊं रीत।।
खुशबू है चारों तरफ , मधुर मिलन है आज।
धड़कन भी बढ़ने लगी, जैसे हो परवाज़ ।।
– अर्चना लाल , जमशेदपुर, झारखण्ड