मनोरंजन

गीतिका – मधु शुक्ला

चरण छूकर भवानी के सभी जन सिर झुकाते हैं,

रहे पावन हृदय जिनका वही आशीष पाते हैं।

 

करें नवरात्रि में माता भ्रमण भू पर सभी कहते,

जिन्हें है प्रेम दुर्गे से सदन अपने बुलाते हैं।

 

दिवस नौ खास होते हैं भवानी को मनाने के,

भजन पूजन करें व्रत भक्त मंदिर रोज जाते हैं।

 

हरें संताप भक्तों के भवानी माँ कृपा कर के,

सनातन धर्म के सब ग्रंथ हमको यह बताते हैं।

 

लुटा कर प्यार ममता माँ सकल संसार को पालें,

सभी चाहें कृपा उनकी तभी माँ को मनाते हैं।

— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश

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