चीर हरण नित हो रहे, गुनहगार है कौन।
आवारा संतान या, फिर जनता का मौन।।
शासक जनता को छलें, करें निरंकुश राज।
गुनहगार है कौन दे, रहा उन्हें वह ताज।।
वृद्धाश्रम के आजकल, चर्चे होते खास।
गुनहगार है कौन क्यों, बच्चे रखें न पास।।
भारी संख्या में अभी, होने लगे तलाक।
गुनहगार है कौन है, किसका सीना चाक।।
— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश