कैसे ध्यान धरु मैं तेरा,
आशा तृष्णा ने मुझें घेरा।
ओ मेरे कृष्णा,मेरे कृष्णा।
कृष्णा कृष्णा,मेरे कृष्णा।
जब भी तेरे द्वारे मैं आऊँ,
एक नयी मुराद मैं लाऊ,
कम ना हो इच्छाओ का घेरा,
कैसे ध्यान धरु मैं तेरा।
ओ मेरे कृष्णा,मेरे कृष्णा
कृष्णा कृष्णा,मेरे कृष्णा।
धन ऐश्वर्य की आस लगाऊ,
मोह माया में लिपटी जाऊँ,
छूट न जाये जँजाल का डेरा,
ओ मेरे कृष्णा,मेरे कृष्णा।
कृष्णा कृष्णा, मेरे कृष्णा।
कैसे ध्यान धरु मैं तेरा,
आशा तृष्णा ने मुझें घेरा।
ओ मेरे कृष्णा,मेरे कृष्णा।
कृष्णा कृष्णा,मेरे कृष्णा।
– झरना माथुर, देहरादून , उत्तराखंड