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ग़ज़ल हिंदी – जसवीर सिंह हलधर

काम की है चाह जिनको वो चुनेंगे अग्निपथ।

राष्ट्र की परवाह जिनको वो चुनेंगे अग्निपथ ।

 

अब नहीं खानी पड़ेंगी नौजवानों ठोकरें ,

भूख से है आह जिनको वो चुनेंगे अग्निपथ ।

 

कोशिशें सरकार की दस्तक जवानों दे रहीं ,

चाहिए तनख़ाह जिनको वो चुनेंगे अग्निपथ ।

 

आस्तीनों में सपोले, आग सड़कों पर खड़ी ,

रोकना है दाह जिनको वो चुनेंगे अग्निपथ ।

 

योजना का ध्येय जानें कूप की गहराइयाँ ,

भाँपनी है थाह जिनको वो चुनेंगे अग्निपथ।

 

रोजगारी देश सेवा का अनौखा मेल है ,

मान की है गाह जिनको वो चुनेंगे अग्निपथ ।

 

दूरदर्शी सोच के परिणाम भी होंगे सुगम ,

जीत का उत्साह जिनको वो चुनेंगे अग्निपथ ।

 

देख “हलधर” सामने आतंकियों का जाल है ,

दुश्मनों से डाह जिनको वो चुनेंगे अग्निपथ।

– जसवीर सिंह हलधर, देहरादून

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