गौ गंगा गीता गायत्री को मत भूलो
सनातन धर्म के ये गौरव है,
गौ माता सम्पूर्ण विश्व की जननी है
इसके रोम-रोम में देवताओं का वास।
भारत के हृदय स्थल में बहती है गंगा
इसका जल अमृत तुल्य है,
मरण के समय जल भव पार लगाए
संस्कृति रक्षिका जय जयमाल को।
गीता समर जीने की शिक्षा देती
गीत बाधाओं पर विजय दिलाती,
श्रीकृष्ण की वाणी जीवन राह बताती
गीता के उपदेश जीवन पार लगाती।
गायत्री वेदों की माता व महामंत्र है
देती सुख शांति और आरोग्यता,
जीवन में खुशहाली और सम्पदा आती
नित जपो युवा और वृद्ध जन।
श्रीकृष्ण मानवता का उद्धार किया
गौ गौवर्धन गीता के आधार बने,
गिरधर ने गाय की महिमा बताई
शत् -शत् नमन गोपाल को।
– कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रुद्रप्रयाग उत्तराखंड