मनोरंजन

मैं हिंदी हूं – संगम त्रिपाठी

मै हिंदी हूं मुझे मेरा

अधिकार दिलाओ,

आओ आओ कलमकारों

आवाज उठाओ।

 

बीत गए बहुत दिन

आजाद हुए देश को,

हम नहीं भुला सके

अंग्रेजी परिवेश को।

 

जो महाकवि ज्ञानी

खुद को बतलाते हैं,

मौन साधे चुपचाप

आज तक क्यों खड़े हैं।

 

अपने भाग्य पर

मैं कब तक तरस खाऊंगी,

मैं क्या कभी हिन्द की

राष्ट्रभाषा बन पाऊंगी।

– संगम त्रिपाठी, जबलपुर , मध्य प्रदेश

संपर्क – 940785490

Related posts

छपास – संगम त्रिपाठी

newsadmin

जो न कभी संघर्ष से डरे, न कलम के साथ समझौता किया – पवन कुमार

newsadmin

मुक्तक (नेपाली) – दुर्गा किरण तिवारी

newsadmin

Leave a Comment