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छंद पकैया – जसवीर सिंह हलधर

1-छन्न पकैया हलधर भैया ,देख चुनावी रेला ।

स्वामी , सैनी और राजभर , कर बैठे थे खेला ।।

देख सब दंग हुए हैं ।

कि नेता नंग हुए हैं ।।

2-छन्न पकैया हलधर भैया ,जाट हुए अब स्याने।

अखलू और टिकैत चित्त हैं ,एक साथ चौखाने ।।

कौम कुश्ती में माहिर ।

सत्य ये है जग जाहिर ।।

3-छन्न पकैया हलधर भैया ,जाति धर्म का साँचा ।

बाबा बुलडोजर ने तोड़ा , यादव, मुल्ला ढांचा ।।

कोप से कौन बचाए ।

सांच को आंच न आए ।।

4-छन्न पकैया हलधर भैया , सम्मुख खड़ी चुनौती ।

कांग्रेस प्रियंका ढोए, राहुल बना पनौती ।।

सोनिया ऊब रही है ।

कि नैया डूब रही है ।।

5-छन्न पकैया हलधर भैया ,बाप बचा ना बेटा ।

मोदी और शाह जोड़ी ने ,सबको साथ समेटा ।।

खिलाड़ी दोनो तगड़े ।

किए सब नेता लंगड़े ।।

6- छान्न पकैया हलधर भैया ,राहुल क्यों पगलाया ।

दूर देश में लोकतंत्र को,घायल करता पाया ।।

दर्द कुर्सी का भारी ।

चीन से करता यारी ।।

7- छन्न पकैया हलधर भैया , केजरिया की माया ।

दो दो मंत्री जेल गए हैं ,कैसा खेल रचाया ।।

आप की छाप डुबाई ।

जांच उस तक भी आई ।।

8- छ्न्न पकैया हलधर भैया ,रोने लगे बिहारी ।

लालू के ही जैसा पाया, बेटा भ्रष्टाचारी ।।

जांच दिल्ली में जारी ।

जेल जाने की बारी ।।

9- छन्न पकैया हलधर भैया , क्या क्या लिखूं कहानी ।

भीख मांगते घूम रहे हैं , नेता पाकिस्तानी ।।

देश का माल उड़ाए ।

फ़ौज ने महल बनाए ।।

10- छन्न पकैया हलधर भैया , मोदी नहीं चुनौती ।

कांग्रेस की नाव डुबोए , राहुल स्वयं पनौती ।।

सोच कर बोलो राहुल ।

खेल में होते फाउल ।।

– जसवीर सिंह हलधर , देहरादून

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