मनोरंजन

मधुमासी मुक्तक – कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

पर्व होली का हुआ संपन्न सकुशल जानिए,

सम्बंध आपस के जरूरी बात यह पहचानिए।

पर्व-उत्सव जोड़ते रिश्ते सभी के आपसी,

नित्य इनको पोषना है बात यह भी मानिए।

 

खेत से गेहूं फसल खलिहान को अब जा रही,

एक संतोषी छटा हर कृषक के मुख ला रही।

अन्न से घर अब भरें सँग चंद पैसे भी मिलें,

बात यह मधुमास ऋतु इंसान को समझा रही।

– कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, उन्नाव, उत्तर प्रदेश

Related posts

गजल – रीता गुलाटी

newsadmin

गाय में बसे तैतीस कोटि देवता – कालिका प्रसाद सेमवाल

newsadmin

शिव शम्भू – डा० क्षमा कौशिक

newsadmin

Leave a Comment