(1)”गीता”, गीता है एक महाकाव्य
आओ मिलकर इसको गाएं !
लें इससे प्रेरणा हर समय….,
नित जीवन में इसको उतारें !!
(2)”आनंद”, आनंद में जीएं हर समय
और आनंद ही हम यहां पे बांटे !
जीवन में मनाएं आनंदोत्सव……,
जीवन को हंसते यहां गुजारें !!
(3)”उत्सव”, उत्सव है जीवन का शुभ पल
इस पल को हम तुम यहां रचाएं !
उत्साह उमंग उल्लास संग……,
नित्य जीवन को जीते हम जाएं !!
(4)”गीता आनंद उत्सव “, पर्व मनाएं
हर पल नाचें और गुनगुनाएं !
है जीवन का ये सुखद अवसर…..,
आओ इसमें रच बस जाएं !!
(5)”गीता आनंद उत्सव “,हर्षाता आए
जीवन में खुशियां भर लाए !
बना जीवन को गीतामय….,
जीवन के लक्ष्यों को पा जाएं !!
– सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान