आयी रात मुरादों की आज शादी है भोले की।।
गले में मुंड माल धारी , देखो आये त्रिपुरारी।।
जटा में गंग रहे सोहे,अद्भुत छवि मन को मोहे।।
ब्याहें गौरा भंडारी ,देखो आये त्रिपुरारी।।
निकली शिव की है बारात, नन्दी गण भी उनके साथ।।
करें हिम राजा स्वागत आज ,उतारें आरती मैना आज।।
बड़ी शुभ घड़ी मिलन की आज
चली हैं गौरा शिव के साथ।।
आयी रात……।।।
– निहारिका झा, खैरागढ़, राज. (36 गढ़)