मनोरंजन

बाल कविता (पार्लर खोली बंदरिया) – अक्षरा शाक्य

पार्लर खोली बंदरिया एक।

जानवर आए उसमें अनेक।।

 

छोटी सी इक चुहिया भी आई।

थ्रेडिंग बनवाई मूछें कटवाई।।

 

बिल्ली मौसी फेशियल करवाईं।

और हाथों में मेंहदी लगवाईं।।

 

हथिनी भी टच अप करवाई।

संग-संग मोरनी को भी लाई।।

 

सबने खूब मेक-अप करवाया।

शेरनी ने सारा बिल चुकाया।।

– अक्षरा शाक्य, गाजीपुर, उत्तर प्रदेश

Related posts

हीरे मोती – जया भराडे बडोदकर

newsadmin

भीमराव अंबेडकर – सुषमा वीरेंद्र खरे

newsadmin

चतुर्थ रुप कूष्माण्डा – कालिका प्रसाद

newsadmin

Leave a Comment