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आम राजा पधार रहे हैं – सुनील गुप्ता

 

( 1 ) आम राजा

पधार रहे हैं,

सभी प्रमुख दरबारियों के संग  !

हरेक का अपना अलग अंदाज है..,

और सभी चहक रहे अपने ही रंग !!

 

( 2 ) आम लंगड़ा

दौड़ रहा है,

पीछे छूटे सभी दशहरी !

चहुँ ओर लगी चाहने वालों की भीड़..,

और चले सबको हाँकते आगे तोतापुरी !!

 

( 3 ) आम आम्रपाली

है सबसे जुदा,

अल्फांसो, केसर भी हैं बढ़-चढ़के  !

सभी का अपना-अपना है मिजाज…,

कहे कोई अपने को मल्लिका यहाँ पे !!

 

( 4 ) आम चौसा

नंबर में पीछे,

पर, उसकी शान निराली है  !

फजली हिमसागर खड़े मुस्कुराते..,

सफ़ेदा नीलम मालदा भी कहाँ कम हैं !!

 

( 5 ) आम सुवर्ण रेखा

की देख शान शौकत,

चले बादामी पानी भरे  !

पाकर आम्र सौरभ अति फलश्रेष्ठ…,

ये रसाल सबकी जिह्वा पे राज करे !!

– सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान

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