( 1 ) बोलते ‘सो’, को
भरें श्वास भीतर,
दो पल रुकें !!
( 2 ) ‘हमं’, बोलते
छोड़दें प्रश्वास को,
रहते ‘स्व’, में !!
( 3 ) एकाग्रता का
है ये मंत्र विशेष,
जपते चलें !!
( 4 ) सुबह शाम
करें इसका ध्यान,
शक्ति बढ़ाएं !!
( 5 ) मंत्र साधना
आत्मा ईश को जोड़े,
‘स्व’, से मिलाए !!
– सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान