neerajtimes,com जबलपुर – मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी जबलपुर मुख्यालय में जनरल मैनेजर के पद पर पदस्थ तथा प्रसिद्ध धार्मिक चिंतक, प्रगतिशील लेखक एवं आध्यात्मिक विषयों के विशेषज्ञ श्री संतोष कुमार मिश्र “असाधु” द्वारा ” समुद्र लांघने हेतु केवल हनुमान जी ही सक्षम क्यों ” विषय पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया गया जिसे श्री राम चरित भवन , ह्यूस्टन (अमेरिका ) द्वारा दिनांक 02 से 05 अप्रैल 2025 तक आयोजित हुए चार-दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर के भव्य कार्यक्रम में सात जजों की टीम के द्वारा संयुक्त रूप से ” सर्वोत्कृष्ट शोध पेपर ” की घोषणा करते हुए रुपए 5100/- का कैश अवार्ड देकर सम्मानित किया गया।
श्री संतोष कुमार मिश्र “असाधु” द्वारा उक्त विषय पर अपना व्याख्यान भी दिया गया। इस शोध पत्र में यह गूढ़ रहस्य भी उद्घाटित किया गया कि जिस सागर को देवताओं और असुरों ने मिलकर तथा अपने अथक परिश्रम से कई दिनों तक समुद्र मंथन कर के अमृत तत्व हासिल किया, उसी अमृत तत्व को हनुमान जी ने अपने बल, बुद्धि एवं विवेक के द्वारा अकेले ही खोज निकाला।
मात्र 100 योजन लम्बाई वाले उस समुद्र को जामवंत, अंगद, नील और द्विविद जैसे महाबलशाली वानर और रीछ आखिरकार पार करने में अपनें आप को क्यों नहीं सक्षम पा रहे हैं, इस संबंध में श्री मिश्र जी द्वारा की गई सूक्ष्म विवेचना एवं उनके समर्थन में प्रस्तुत किये गये वैज्ञानिक तथ्यों के अभूतपूर्व ,अत्यंत रोचक, गूढ़ और प्रामाणिकता पूर्ण होने के कारण उक्त अधिवेशन में उपस्थित विद्वतजनों द्वारा इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा और सराहना की गई।
ज्ञातव्य हो कि विगत दिनों ओरछा तथा भोपाल में भी वृहद अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आयोजित हुए कार्यक्रम जिसमें विदेश के साथ-साथ इस देश के विभिन्न भागों से तथा प्रतिष्ठित विद्वानों , शोधार्थी और जनप्रतिनिधि भारी संख्या में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहकर अपनी-अपनी प्रतिभागिता दर्ज कराई गई थी, उक्त दोनों कार्यक्रमों में श्री संतोष कुमार मिश्र “असाधु” द्वारा वैश्विक स्तर पर जबलपुर का नाम गौरवान्वित किया गया था ।
इस कार्यक्रम का यू ट्यूब चैनल के माध्यम से देश-विदेश में सीधा प्रसारण किया गया जिसमें कई प्रसिद्ध धार्मिक , सामाजिक तथा मूर्धन्य विद्वानों ने अपनी गरिमामय उपस्थिति एवं प्रतिभागिता दर्ज कराई गई । डॉ ओम गुप्ता जी के निर्देशन में यह कार्यक्रम सफलता पूर्वक संपन्न हुआ ।
श्री संतोष कुमार मिश्रा “असाधु” द्वारा प्रस्तुत यह शोध-पत्र उनके रामायण विषय पर सतत गहन अध्ययन और समाज में व्याप्त विभिन्न संशयों के निर्मूलन के उद्देश्य के साथ-साथ इस विश्व में धार्मिक जागरण एवं आपसी समन्वय स्थापित करने के परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत किया गया।
ज्ञातव्य हो कि इसके पूर्व भी श्री मिश्र को रामायण विषय पर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजित हुए अनेक कार्यक्रमों में सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया जाता रहा है। इस सम्मान से जबलपुर नगर का नाम पुनः अंतर्राष्ट्रीय पटल पर गौरवान्वित हुआ है। इस उपलब्धि पर श्री मिश्र को उनके मित्र,विभाग के सहकर्मियों , शुभचिंतकों तथा अन्य साहित्यिक तथा सामाजिक संस्थाओं द्वारा बधाई और शुभकामनाएं दी गई है। कवि संगम त्रिपाठी संस्थापक प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा ने बधाई दी व कहा कि यह संस्कारधानी जबलपुर के लिए गौरव का विषय है।