मनोरंजन

मुबारक रमज़ान – डॉ अणिमा श्रीवास्तव

मुकद्दस महीना रमज़ान

ख़ुदा का है यह फ़रमान।

कुर्बानी की लौ में जलकर

खरे सोने सा तपकर,

करे कुछ ऐसा इंसान।

मुकद्दस महीना रमज़ान,

ख़ुदा का है यह फ़रमान ।

 

गुरबत ए दौर से जो गुज़र रहे

जो ग़म में शामो सहर रहे,

पूरे हो अधूरे अरमान।

मुक्कमल हो उनका जहान

मुकद्दस महीना रमज़ान,

ख़ुदा का है यह फ़रमान!

 

सब गुनाहों से करें तौबा

दिल हो काबा, मक्का-मदीना।

मुफलिसों के आ जाएँ काम

हर साँस हो ख़ुदा की अज़ान,

मुकद्दस महीना रमज़ान

ख़ुदा का है यह फ़रमान।

– डॉ अणिमा श्रीवास्तव ,पटना, बिहार

Related posts

हिंदी दिवस पर साहित्य अर्पण मंच पर 6 घंटे चला मैराथन काव्य पाठ

newsadmin

पीर न जानी नदी की – अनुराधा पांडेय

newsadmin

सीबीएसई दसवीं, बारहवीं का रिजल्ट जारी

newsadmin

Leave a Comment