neerajtimes.com- दुनिया भर के विभिन्न हिस्सों में उच्च शिक्षा संस्थानों के केम्पस से लगातार सहपाठी छात्र छात्राओं के साथ अमानवीयता भरा दुर्व्यवहार करने के समाचार आते रहते हैं। हमारे देश में भी इसी तरह की घटनाएं हो रही हैं। इनका सबसे दुखद पहलू यह है कि कई मामलों में पीड़ित छात्र छात्रा उत्पीड़न से तंग आकर सुसाइड जैसे कदम उठा रहे हैं। यह बेहद चिंताजनक और शर्मनाक विषय है। सवाल उठता है कि यह सब क्यों हो रहा है? नौजवान बच्चे उत्पीड़न और दुर्व्यवहार की हदें पार क्यों कर रहे हैं? ताजा मामलों में ओडिशा के भुवनेश्वर में कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी के हॉस्टल में एक नेपाली छात्रा का शव बरामद हुआ। आरोप लगाया गया है कि छात्रा को आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया। इस मामले में अबतक 6 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। छात्रा के बैचमेट छात्र के साथ ही केआइआइटी के तीन डायरेक्टर और दो सिक्योरिटी गार्ड्स को अरेस्ट किया गया। वहीं एक अन्य घटना कर्नाटक के एक मेडिकल कॉलेज में कश्मीरी छात्र के साथ मारपीट और रैगिंग की सामने आयी है। अनंतनाग जम्मू-कश्मीर के रहने वाले सेकेंड ईयर के छात्र हमीम के साथ अल-अमीन मेडिकल,विजयपुरा में क्रिकेट मैच के दौरान यह घटना घटी। सीनियर छात्रों ने हमीम को रैगिंग का शिकार बनाया, उसे धमकाया और मारा-पीटा। उन्होंने उसे जबरन माफी मांगने का वीडियो भी रिकॉर्ड करवाया। जम्मू-कश्मीर छात्र संघ ने इस घटना की निंदा की है और कर्नाटक के मुख्यमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है।यह दो मामले तो नमूना भर हैं आए दिन हमारे कालेज केम्पसों से इस तरह की खबरें आ रहीं हैं।
नेपाली छात्रा से जुड़े मामले की जांच के लिए ओडिशा सरकार ने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव और उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त-सह-सचिव वाली हाई लेवल फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया है।
दरअसल, 16 फरवरी की शाम बी-टेक थर्ड ईयर की स्टूडेंट प्रकृति लामसाल का शव कॉलेज के हॉस्टल में मिला था। कहा गया कि उसने आत्महत्या की है। छात्रा की मौत पर कॉलेज के अन्य छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया।
छात्रों ने आरोप लगाया कि प्रकृति के बैच का ही एक छात्र उसे प्रताड़ित कर रहा था। दावा है कि छात्र लड़की का बॉयफ्रेंड था। स्टूडेंट्स का कहना है कि शिकायतों के बाद भी यूनिवर्सिटी ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। छात्रों ने यह आरोप भी लगाया कि यूनिवर्सिटी ने मामले को दबाने की कोशिश भी की।
मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दावा किया गया है कि कालेज की दो टीचर्स ने नेपाली छात्रों से बहस की। एक टीचर ने कहा कि हमारा कॉलेज 40 हजार लोगों को फ्री में बैठा के पढ़ा-खिला रहा है। दूसरी ने कहा कि इतना तुम्हारे देश का बजट नहीं होगा।
वहीं, सोशल मीडिया पर यूनिवर्सिटी के नेपाली छात्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि लड़की का मर्डर किया गया था। एक एक्स पोस्ट में शेयर किए गए वॉट्सऐप चैट के स्क्रीनशॉट के मुताबिक, आरोपी लड़के ने यूनिवर्सिटी की सेंट्रल लाइब्रेरी में लड़की को मोलेस्ट किया, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई। इसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उसके शव को ले जाकर उसके हॉस्टल के कमरे में रख दिया जिससे ये सुसाइड दिखे।
इसके अलावा एक वीडियो में दावा किया गया है कि यूनिवर्सिटी ने करीब 800 छात्रों को ऑडिटोरियम में बैठाया और उनके फोन जब्त किए, ताकि वे इस मामले को लेकर किसी से बात न कर सकें।
इस घटना के बाद यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले नेपाल के छात्रों ने कॉलेज प्रशासन पर मामले को दबाने का आरोप लगाया। स्टूडेंट्स ने कहा कि हम यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल ऑफिस गए और रात भर धरने पर बैठे रहे। इसके अगले दिन हमें हॉस्टल से बाहर निकाल दिया गया।
एक छात्र ने बताया कि हम लोग प्रदर्शन कर रहे थे। यूनिवर्सिटी स्टाफ आए और हॉस्टल खाली करने को कहा। जो लोग जल्दी सामान पैक नहीं कर रहे थे, उन्हें मारा गया। हमें जबरन हॉस्टल खाली करने पर मजबूर कर दिया गया। दो बसों में भरकर हमें कटक रेलवे स्टेशन पर उतार दिया गया।
ओडिशा के भुवनेश्वर में कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी के हॉस्टल में नेपाली छात्रा के मामले में अबतक छह लोगों की गिरफ्तारी हुई है। छात्रा के बैचमेट भारतीय छात्र की गिरफ्तारी के बाद कलिंगा इंस्टीट्यूट के तीन डायरेक्टर और दो सिक्योरिटी गार्ड्स को भी अरेस्ट किया गया है।
इस मामले की जांच के लिए ओडिशा सरकार ने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव और उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त-सह-सचिव वाली हाई लेवल फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया है।
दरअसल, 16 फरवरी की शाम बी-टेक थर्ड ईयर की स्टूडेंट प्रकृति लामसाल का शव कॉलेज के हॉस्टल में मिला था। कहा गया कि उसने आत्महत्या की है। छात्रा की मौत पर कॉलेज के अन्य इंटरनेशनल छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया।
छात्रों ने आरोप लगाया कि प्रकृति के बैच का ही भारतीय छात्र उसे प्रताड़ित कर रहा था। दावा है कि छात्र लड़की का बॉयफ्रेंड था। स्टूडेंट्स का कहना है कि शिकायतों के बाद भी यूनिवर्सिटी ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। छात्रों ने यह आरोप भी लगाया कि यूनिवर्सिटी ने मामले को दबाने की कोशिश की।
मृतक छात्रा के पिता सुनील लामसाल ने कहा- हमें बस इतना पता है कि जांच की जा रही है। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट जल्द ही आ जाएगी। हमें जानकारी मिली है कि उसे परेशान किया गया और इमोशनली ब्लैकमेल किया गया। जिसके कारण उसने आत्महत्या कर ली।
17 फरवरी को हमने यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से बात की थी। उन्होंने कुछ नहीं कहा, लेकिन पुलिस और कॉलेज प्रशासन सहयोग कर रहा है। बेटी का कजिन भाई भी यहां पढ़ता है। उसने हमें घटना के बारे में बताया था। पिता सुनील ने कहा कि एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। मुझे लगता है कि इस सबके पीछे वही जिम्मेदार है। उसका फोन, लैपटॉप और डायरी फोरेंसिक विभाग को दी गई है। सुनील ने कहा कि पुलिस प्रशासन और सरकार हमारी मदद कर रही है। मैंने सुना है कि छात्रों को जाने के लिए कहा जा रहा है, यह सही नहीं है। हम केवल न्याय की मांग कर रहे हैं।
इस मामले में यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स के बीच एक ऑडियो भी वायरल है, जिसमें किसी लड़की और लड़के की बातचीत है। दोनों के बीच किसी बात को लेकर बहस हो रही है। लड़का लड़की को लगातार गालियां दे रहा है। लड़का लड़की से माफी मांगने के लिए कहता है। इस पर लड़की लड़के से माफी मांग लेती है। दोनों के बीच लंबी बहस के बाद लड़की रोने लगती है। दावा किया जा रहा है कि यह कॉल रिकॉर्डिंग प्रकृति और आरोपी लड़के के बीच बातचीत की है।
इस मामले से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया था। वीडियो में यूनिवर्सिटी की एक प्रोफेसर मंजूषा पांडे कहती हैं कि हम 40 हजार से ज्यादा स्टूडेंट को मुफ्त में खाना खिला रहे और पढ़ा रहे हैं। वहीं एक महिला कर्मचारी जयंती नाथ ने चिल्ला कर कहा कि यह आपके देश के बजट के बराबर है। बाद में ओडिशा के कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी कैंपस में प्रदर्शनकारी स्टूडेंट के साथ गलत व्यवहार पर स्टाफ और यूनिवर्सिटी ने माफी मांग ली है।
सवाल उठता है कि प्रतिभाशाली छात्र छात्राओं को कब तक मौत के मुंह में जाने के लिए मजबूर किया जाएगा? कई राज्यों के कालेज कैंपसों में नशीले पदार्थों की सप्लाई और नशाखोरी के समाचार भी चिंताजनक हैं। सरकार को कैंपसों में इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए। (विनायक फीचर्स)