खुशी से आज जिये गम कभी नही आए।
रहे खुशी से सभी मिलकर वतन महकाए।
कि रात दिन करे मेहनत,वतन महकाए।
न कोई रंज का लम्हा किसी के पास आए।
भटक रहा ये दिल आपके ख्यालों में।
चलो मिलोगे सभी गीत आज गायेगे।
खुदा की ये है दुआ चैन हमने पाया है।
किया है नेकी भरे काम आज इतराए।
नवीन साल बड़ा आज खुशियां लाये हैं।
भुला दो शिकवे सभी आज हम मुस्कुराए।
सजा ले सपने नये चूम ले फलक सारा।
मुबारक सभी को दे न आज अलसाए।
– रीता गुलाटी ऋतंभरा, चण्डीगढ़