तुझ बिन दिल ना लगता है
सब कुछ सूना लगता है।
करती तुझसे प्यार बड़ा।
तुझसे सच्चा रिश्ता है।
पाला है कोख मे रखा।
बेटा मेरा अच्छा है।
रूह के संग जुड़ा मिरे
माँ बन कर पाला है।
माँ की ममता मे ताकत
गम कोसो दूरी रखता है।
अनपढ़ रहता जो इंसा
फिर जग अनपढ कहता है।
आया है नया साल अब
प्रेम से अब मनाना है।
दे दे मिल बधाई उन्हे।
अवतरण दिवस आया है।
– रीता गुलाटी ऋतंभरा, चण्डीगढ़