लो सुन लो आज सुनाऊं ,तोलोलिंग विजय कहानी ।
करगिल की इस चोटी पर,नाची थी युद्ध भवानी ।।
शांती वार्ता के पथ पर , चलने की थी तैयारी ।
बस से लाहौर गए थे , नेता थे अटल बिहारी ।
अटल,नवाज दोनों ही , इस पथ पर बड़े हुए थे ।
मक्कार मुशर्रफ़ दिल में ,कुछ सपने पले हुए थे ।
दोनों सेनाओं ने ही ,कुछ मौखिक वादे सींचे ।
सर्दी वाले मौसम में , सैनिक आ जाएं नीचे ।
लेकिन मक्कार मुशर्रफ़, नीयत में थी शैतानी ।।
लो सुन लो आज सुनाऊं , तिलोलिंग विजय कहानी ।।1
सर्दी मौसम आते ही , अरि खेला खेल अनोखा ।
खाली बंकर कब्जाए, देकर भारत को धोखा ।
पाकिस्तानी सेना ने ,आतंकी भेस बनाया ।
तोलोलिंग की चोटी पर ,बारूदी ढेर लगाया ।
ये घटना चरवाहे ने ,सेना को आन बताई ।
सरहद पर आकर बैठे , आतंकी आताताई ।
दुश्मन की ताकत हमने , भी ठीक नहीं पहचानी ।।
लो सुन लो आज सुनाऊं , तोलोलिंग विजय कहानी ।।2
ये ख़ास सूचना पाकर , सैनिक गस्ती दल भेजा ।
दल वापस लौट न पाया , सेना का हिला कलेजा ।
भारत की सेना ने तब , ख़ुफ़िया संदेश जुटाए ।
किस कारण अपने सैनिक ,यूनिट में लौट न पाए ।
जब जांच पटल पर आई ,ये तथ्य सामने आए ।
पाकिस्तानी सेना ने , बंकर सारे कब्जाए ।
हम समझे इस घटना को ,आतंकी कारस्तानी ।।
लो सुन लो आज सुनाऊं ,तोलोलिंग विजय कहानी ।।3
भेजे सैनिक दल सारे ,संशय की भेंट चढ़े थे ।
दुश्मन सेना के हाथों ,सरहद पर मरे पड़े थे ।
ये ख़बर आग सी फैली , संसद में था हंगामा ।
क्रोधित थे अटल बिहारी ,संयम से सबको थामा ।
आदेश दिया सेना को ,कर लो पूरी तैयारी ।
सारी दुनिया देखेगी , कैसा है अटल बिहारी ।
संगर होगा अब भीषण ,कितनी भी हों कुर्बानी ।।
लो सुन लो आज सुनाऊं , तोलोलिंग विजय कहानी ।।4
दुश्मन के कब्जे में थी ,सब ऊंची ऊंची चोटी।
हम दो विमान खो बैठे ,शायद किस्मत थी खोटी ।
चालक भी चार गँवाए,भारत का समय बुरा था ।
मिग ट्वेंटीवन का रण में ,टूटा जब एक धुरा था ।
सेना अपनी घाटी में ,ऊंचे पे शत्रु ठिकाना ।
नीचे से ऊपर चढ़ना, लोहे के चने चबाना ।
ऊपर से आग बरसती , शोणित बहता ज्यों पानी ।।
लो सुन लो आज सुनाऊं ,तोलोलिंग विजय कहानी ।।5
नभ थल सेना ने मिलकर ,दोबारा जोर लगाया ।
पाकिस्तानी सेना को ,विकराल रूप दिखलाया ।
तिल तिल कर अपनी सेना , नीचे से ऊपर चढ़ती ।
था ताप शून्य से नीचे , पग पग पर सांस उखड़ती ।
चींटी की भांति सैन्य दल ,ऊपर को चढ़ते जाते ।
ऊपर से आग बरसती , हम भी गोले बरसाते ।
तोपों को लेकर ऊपर ,चढ़ते योद्धा सैनानी ।।
लो सुन लो आज सुनाऊं ,तोलोलिंग विजय कहानी ।।6
तोपों को लेकर चढ़ना ,इतना आसान नहीं था ।
भारी वफोर्स की तोपें , हल्का सामान नहीं था ।
तोलोलिंग की चोटी पर ,पहला संग्राम हुआ था ।
इस चोटी पर कब्जे को , छः दिन तक लाम हुआ था ।
गरजी वफोर्स की तोपें , इतने गोले बरसाए ।
पाकिस्तानी सेना के ,सब सैनिक मार गिराए ।
अल्ला अल्ला चिल्ला कर , भागे कुछ पाकिस्तानी ।।
लो सुन लो आज सुनाऊं ,तोलोलिंग विजय कहानी ।।7
इस तरह घनकती तोपें , क्षण क्षण गोले बरसातीं ।
अरि के हिलने से पहले ,बारूदी बज्र गिरातीं ।
भारत की वीर वाहिनी ऐसा संग्राम लड़ी थी ।
टाइगर हिल कब्जाने में ,तोलोलिंग खास कड़ी थी ।
मिट गए सैकड़ों सैनिक ,मेजर भी तीन गँवाए ।
तब जीत सके इस रण को ,परिणाम सामने आए ।
भारत मां की जय बोले ,लड़ते लड़ते बलिदानी ।।
लो सुन लो आज सुनाऊं ,तोलोलिंग विजय कहानी ।।8
– जसवीर सिंह हलधर , देहरादून