( 1 )” र “, रहेंगे
सदा स्मृतियों में बनें,
हमारे श्री रतन टाटाजी प्रिय !
थे अनमोल भारत के ये सच्चे ‘रतन’ …,
करते रहेंगे राज सबके मन हिय !!
( 2 )” त “, तराशे
इन्होंने कई नायाब हीरे,
दी भारत को अनेकों सौगात यहाँ पे !
और भारत की सतत विकास यात्रा में…,
रतन जी का योगदान रहेगा सदा याद हमें !!
( 3 )” न “, नमन
वंदन करते हैं अभिनंदन,
हम सभी रतन टाटा जी को प्रणाम !
सदैव बनें रहेंगे ये हमारे प्रेरणा स्रोत…,
और करते हैं इस युग पुरुष को हम सलाम!!
( 4 )” रतन “, रतन
नाम था स्वयं में अप्रतिम,
स्वयं अपने नाम ‘रतन’, को सार्थक किया !
ये प्रणेता बनें भारत की औद्योगिक क्रांति के..,
और जग में भारत का नाम रोशन किया !!
( 5 )” रतन “, रतनजी
थे एक सच्चे कर्मयोगी,
हरेक सुअवसर का भरपूर उपयोग किया !
विरल सरल स्वभाव के धनी थे श्रीरतन टाटा…,
इनके कृतित्व व्यक्तित्व को कोई छू न सका!!
– सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान