मनोरंजन

श्री कृष्ण जन्मोत्सव – कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

सकल देव आए धरा,  धर कर मानव वेश,

दर्शन पा हर्षित हुए, छवि थी बड़ी विशेष।

शिव सन्यासी रूप में, लगा रहे आवाज,

माँ दिखला दो कृष्ण को, बनें तुम्हारे काज।

भक्त और भगवान का, बड़ा अनोखा खेल,

आपस के सहयोग से, बढ़े भक्ति की बेल।

 

छह दिन बीते जन्म को, षष्ठी का संस्कार,

उत्सव लोग मना रहे, भीड़ नन्द के द्वार।

षष्ठी देवी पूज कर, कर कान्हा अभिषेक,

आशीर्वाद लुटा रहा, नर-नारी प्रत्येक।

बालकपन से ही दिखे, मुख मोहन के ओज,

लीला का आरंभ अब, चमत्कार हों रोज।

माखन-मिसरी का लगे, बालकृष्ण को भोग,

दुष्ट दलन होगा शुरू, रक्षित होंगे लोग।

हरि के इस अवतार का, बड़ा गूढ़ है मर्म,

फल की इच्छा के बिना, सभी करें निज कर्म।

–  कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा, उत्तर प्रदेश

Related posts

गीत – जसवीर सिंह हलधर

newsadmin

हर्रई के किले से कमलनाथ का गढ़ ढहाने की कोशिश – पवन वर्मा

newsadmin

गीतिका – मधु शुक्ला

newsadmin

Leave a Comment