Neerajtimes.com- आराधिका राष्ट्रीय मंच द्वारा बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर दि. 23 मई को विशाल आनलाइन काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया।
दो सत्रों में आयोजित गोष्ठी के प्रथम सत्र की अध्यक्षता बसंत श्रीवास बसंत नरगोड़ा (नि. रामकृष्ण मिशन नारायणपुर) ने किया। जबकि मुख्य अतिथि अन्नपूर्णा मालवीय सुभाषिनी (संस्कृत प्रवक्ता) के रूप में उपस्थित रहीं।
गोष्ठी प्रारंभ होने से पूर्व सर्वप्रथम संस्थापिका निधी बोथरा जैन ने सभी का स्वागत अभिनंदन करते हुए अतिथियों का परिचय कराते हुए सभी का स्वागत अभिनन्दन किया।सलाहकार अनीता बाजपाई ने वयोवृद्ध संरक्षिका सरोज गर्ग जी का संदेश पढ़ा और अपनी ओर से शुभकामनाएं दी। महासचिव सुधीर श्रीवास्तव ने हमेशा की तरह आयोजन में शामिल अतिथियों रचनाकारों की इस भव्य आयोजन में उपस्थिति होने पर प्रसन्नता जताई और अनुशासनिक सहयोग का आवाहन किया।
गोष्ठी का प्रारंभ वरि. कवि ईश्वर चंद्र जायसवाल द्वारा प्रस्तुत वाणी वंदना से हुआ। इसके बाद अध्यक्ष की अनुमति से विधिवत काव्य पाठ का सिलसिला शुरू हुआ।
गोष्ठी के प्रथम सत्र का संचालन वरि. कवि सतीश शिकारी ( रतलाम मध्यप्रदेश ) और प्रज्ञा आम्बेरकर ( मुंबई/ महाराष्ट्र) ने किया।
सत्र के अंत में बसंत श्रीवास बसंत ने अपना अध्यक्षीय उद्बोधन दिया और आयोजन की सफलता, भव्यता के लिए एवं अध्यक्ष पद पर मंचासीन के लिए संस्थापिका निधि बोथरा जैन एवं सभी पदाधिकारियों का आभार ज्ञापन किया। सभी कवियों , कवयित्रियों को बधाइयां देने के साथ इस सत्र के समापन की घोषणा की।
जबकि द्वितीय सत्र की अध्यक्षता शिवनाथ सिंह शिव (से.नि. इंजीनियर टेलीकॉम) ने किया। जबकि मुख्य अतिथि के रूप में डॉ कुमारी भारती ( जमशेदपुर ) की गरिमामय उपस्थिति निरंतर रही।
काव्यगोष्ठी प्रारंभ से पूर्व ( संस्थापिका / अध्यक्षा ) निधि बोथरा जैन ने मंचासीन सभी अतिथियों का स्वागत अभिनन्दन करते हुए इस अंतरराष्ट्रीय भव्य काव्यगोष्ठी में सम्मिलित सभी साहिकारो का स्वागत किया।
इस सत्र का प्रारंभ वरि. कवि जयशंकर सिंह द्वारा वाणी वंदना के साथ हुआ। तत्पश्चात विधिवत काव्य पाठ का सिलसिला समापन तक अनवरत जारी रहा।
सत्र के अंत में मुख्य अतिथि ने अपने विचार रखे और शिव जी ने अपना अध्यक्षीय उद्बोधन दिया। उन्होंने ने कहा ऐसे आयोजनों की निरंतरता साहित्य और साहित्यकारों के लिए संजीवनी जैसी है। इसे एक नियमित अंतराल पर जारी रखें जाने की आवश्यकता है।
इस सत्र के संचालन का दायित्व कंचन श्रीवास्तव और इंजी० प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव जी प्रणय जी ने खूबसूरती से निभाया।
आयोजन को सफल बनाने में महासचिव सुधीर श्रीवास्तव, संरक्षिका सरोज गर्ग और सलाहकार अनीता बाजपाई का हमेशा की तरह सराहनीय योगदान रहा। सभी पदाधिकारियों और शुभचिंतकों की सक्रिय उपस्थिति से आयोजन को सफल बनाने में सफलता प्राप्त हुई।
और सबसे अंत में संस्थापिका निधि बोथरा जैन ने सभी अतिथियों एवं साहित्यकारों का आभार ज्ञापन किया एवं आराधिका राष्ट्रीय मंच की इस भव्य एवं सफल काव्यगोष्ठी के लिए
समस्त मंच पदाधिकारीगण के सहयोग को नमन करते हुए, इस भव्य गोष्ठी के विराम की घोषणा की।
द्विसत्रीय भव्य गोष्ठी में देश विदेश के 70 से अधिक कवियों कवयित्रियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के साथ खूबसूरत, सुमधुर, मोहक, प्रेरक काव्य पाठ कर आयोजन को ऊंचाइयां प्रदान की। जिनमें आ.संतोष श्रीवास्तव विधार्थी, सुदेश भाटिया, श्रीपति रस्तोगी जी, मोना नोलखा , डॉ.अर्चना पाण्डेय, सुरेश बन्छोर तालपुरी ,आलोक कुमार यादव, छोटे लाल सिंह चौहान, डॉ चन्द्रकला भागीरथी, देवी प्रसाद पाण्डेय, डाॅ० शशि जायसवाल, डॉ शशिकला अवस्थी, अविनाश खरे, शिव कुमार गुप्त, गार्गी चटर्जी “आशा”, डॉ राजेश तिवारी ‘मक्खन’, भारती संचेती, मुकेश कुमार दुबे “दुर्लभ”, खालिद हुसैन सिद्दीकी, दिव्या कुमारी , कृतिका अग्निहोत्री, ममता जैन कच्छारा , संध्या श्रीवास्तव ‘सॉंझ’, बृजबाला श्रीवास्तव “सुमन”,इंद्रेश भदौरिया, डॉ गीता पांडे अपराजिता, दिलीप स्वामी, निवेदिता सिन्हा, पुष्पलता शर्मा पुष्प, ऋतु दीक्षित,संदीप शर्मा,डॉ देवीदीन अविनाशी, रश्मि अग्रवाल,मनोरमा मिश्रा मनु, सच्चिदानंद तिवारी सल्लभ, मेघा अग्रवाल, डॉ भारती गुप्ता,विनीता लावनिया, सुधीर अधीर, दयाराम दर्द फिरोजाबादी, रामजी लाल वर्मा, राजकुमार अहिरवार, रमेश चंद्र यादव, रामदेव शर्मा राही,अनिता गौस्वामी, मिताली श्रीवास्तव वर्मा, चंद्रकला भरतिया,जय शंकर सिंह, डॉ अनीता गौतम, डॉ अम्बे कुमारी,डा.अणिमा श्रीवास्तव थानू राम साहू,अनुराग उपाध्याय,पार्वती देवी “गौरा “, मंजू शकुन खरे आदि रहे।