मनोरंजन

ग़ज़ल – ज्योति श्रीवास्तव

याद हर पल जो तेरी सांस दिलाती मुझको,

वो मुहोब्बत में लिखी गीत रिझाती मुझको।

 

रंग उल्फत  से नजारें  भी सनम  है महके,

तेरे अहसास को धड़कन भी सुनाती मुझको।

 

आ के ख़्वाबों में हमें छोड़ के जाते हमदम,

होते  बेचैन  तेरी  याद  जगाती  मुझको।

 

वो सितारे जो  सजाते  हैं फलक को सुंदर,

पास  मेरे  हो  सनम  रात बताती मुझको।

 

वो नज़र आते हमें फिर से सनम छुप जाते,

उफ़ शरारत की अदा *ज्योटी* सुहाती मुझको।

– ज्योति अरुण श्रीवास्तव, नोएडा, उत्तर प्रदेश

Related posts

ग़ज़ल – विनोद निराश

newsadmin

अहसास – ज्योति श्रीवास्तव

newsadmin

डा. अवनीश मिश्र के जन्मदिन पर साहित्यिक जीवन दीपिका पत्रिका का विमोचन संपन्न

newsadmin

Leave a Comment