मनोरंजन

बस यूं ही – सविता सिंह

खिला गए वो मुझे सुमन की तरह,

फ़ैल गई खुशबू चमन की तरह।

कैद थे दिल में जो अनचाहे जज्बात,

बरस पड़े फिर वह सावन की तरह।

छुपाए नहीं छुपती हंसी लबों से,

आ गया अल्हड़पन बचपन की तरह।

रह ना पाऊं उन बिन एक पल भी अब तो,

बस गए वो दिल में धड़कन की तरह।

तुम्हारे आंगन की तुलसी को पूजे “मीरा” ,

ले जाना अब तुम मुझे दुल्हन की तरह।

सविता सिंह मीरा, जमशेदपुर

Related posts

एस.बी.एम जैन स्कूल में मातृ दिवस पर माताओं में जोश – प्रीति शर्मा

newsadmin

बचपन का गाँव – प्रियंका ‘सौरभ’

newsadmin

युवा – जि.विजय कुमार

newsadmin

Leave a Comment