neerajtimes.com – हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा क्षेत्र से कंगना रानावत के चुनाव मैदान में उतरने के साथ ही फिल्म उद्योग में हलचल हो रही है कि अब कौन किस पार्टी का प्रचार करेगा। इस बार राजनीतिक पार्टियों में फिल्मी हस्तियों की बड़ी मांग देखने को मिल रही है। फिल्मी सितारे पार्टियों के लिए भारी भीड़ जुटाते हैं, इसलिए फिल्मी सितारों को सत्ता प्राप्ति का स्रोत माना जाता है।
आगामी लोकसभा में भी फिल्मी स्टारों का जमावड़ा देखने को मिल सकता है। यदि फिल्म उद्योग के इतिहास पर एक नजर डाली जाए तो पुराने जमाने की मशहूर अभिनेत्री नरगिस से लेकर सुपर स्टार अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी, जया बच्चन, सनी देओल, विनोद खन्ना, फिल्म निर्देशक मुजफ्फर अली, अभिनेत्री किरण खेर और शबाना आजमी तक राजनीति में उतर चुके हैं। दक्षिण भारत की राजनीति में एन.टी. राजाराव, एम.जी. रामचंद्रन और जयललिता का जलवा ही अलग था। अभी भी रजनीकांत और कमल हासन भी गाहे बगाहे राजनीति करते ही रहते हैं। भोजपुरी फिल्मों के कलाकार भी राजनीति में खासे सक्रिय हैं। दिल्ली में मनोज तिवारी चुनाव मैदान में है।तो निरहुआ भी लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।जैसे जैसे चुनावी पारा सातवें आसमान पर चढ़ता जाता है ज्यों ज्यों फिल्मी जगत के लोगों की मांग बढ़ने लगती हैं। जब-जब फिल्मी स्टारों की लोकप्रियता का ढलान पर आती है तो वे राजनीति में कुर्सी पाने के लिए तड़पने लगते हैं।
पंजाब की धरती पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सनी देओल ने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष को हराकर विजय प्राप्त की थी, इससे पहले भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर विनोद खन्ना की जीत हुई थी। इलाहाबाद की सीट पर जब सुपर स्टार अमिताभ बच्चन ने सफलता प्राप्त की थी तो वह एक छोटी मोटी सफलता नहीं थी। फिल्मी स्टारों के प्रति लोगों की दीवानगी यह साबित करती है कि वह राजनीति से भी ऊंचे हैं।
तृणमूल कांग्रेस की ओर से लोकसभा चुनाव लड़ रहे शत्रुघ्न सिन्हा का कहना है कि फिल्म स्टारों की हार जीत फिल्म उद्योग पर कोई खास प्रभाव नहीं डालती, श्रीदेवी के चुनाव प्रचार के बावजूद उनके पिता चुनाव हार गए थे।
पंजाब के गुरदासपुर जिले से सनी देओल ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर कांग्रेस के लोकप्रिय नेता बलराम जाखड़ के सुपुत्र व कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ को हराया था। दिलचस्प यह है कि अब सुनील जाखड़ और सनी देओल दोनों ही भाजपा में है।
अक्षय कुमार को लेकर भी चुनावी मैदान में अटकलों का बाजार गर्म है। जब उनसे बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कहा कि फिल्मों में बिजी होने के कारण मैं पूरी तरह राजनीति में नहीं उतर सकता लेकिन यदि मुझे भा.ज.पा का प्रचार करने को कहा गया तो जरुर करुंगा।वैसे राजनीति के जानकर लोगों का कहना है कि अभिनेता-अभिनेत्रियां भीड़ तो इकट्ठा कर सकते हैं, लेेकिन भीड़ को वोट बैंक में नहीं बदल सकते। मथुरा से चुनाव लड़ने वाली लोकप्रिय अभिनेत्री हेमा मालिनी का कहना है कि राजनीति में प्रवेश करना आसान है,परंतु जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना बहुत कठिन है। (विनायक फीचर्स)