नाचूं नाचूं , श्याम मिला दूं ,
धूम मचाते , खाटू पहुँचा दूं !
चलते धरते एक-एक पग…….,
मंज़िल पे निशान लहरा दूं !!1!!
ना सोना चाहूँ, ना चांदी माँगू,
बाबा की शरण में रहना चाहूँ !
चला सुखों को करते त्याग…,
आकर दरबार में ख़ूब नाचूं !!2!!
राधे-राधे गोविंद जपते,
लड्डू संग ख़ूब लाड़ लड़ाऊं !
चलूं नाचते राधे भजते……..,
आनंदधन सबमें भरके लुटाऊँ !!3!!
सुबह शाम भोग लगाते,
प्रभु चरणों में लोट लगाऊं !
गाते झूमते नाटू नाटू…..,
मस्ती में गीत सुनाता जाऊँ !!4!!
करते ता ता थैया नाटू नाटू,
सबके रोग पलभर में भगा दूँ !
चला नाचता, सबको नचाता…..,
खुशियों से जीवन सबका भर दूँ !!5!!
–सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान