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भारतीय संस्कृति – राजेश कुमार झा

भारतीय संस्कृति की जग मे होती एक अलग पहचान है।

जहां की हर बोली भाषा में होता रिश्तों का सम्मान है।।

इसीलिए तो भारतीय संस्कृति दुनिया में महान है।

तभी तो यहां के कण कण में बसता भगवान है।।

भारतीय संस्कृति में होता हर ईश्वर का गुणगान है।

यह पर ईश्वर को पाना भी बहुत आसान है ।।

परमेश्वर के नाम जप से ही होता उद्धार है ।

भारतीय संस्कृति में इंसानियत और मानवता का सार है ।।

सनातन संस्कृति की दुनिया में होती वाहवाही है।

तभी तो सभी धर्मो की  शिक्षा भारतीय संस्कृति में समाई है ।।

पुराणों की गाथा में मिलता इसका गुणगान है।

भारतीय संस्कृति की जग मे एक अलग पहचान है ।।

यहां की धरती है अवतारी,

यहां जन्मे है राम कृष्ण मुरारी ।।

गौतम महावीर नानक जैसे संतों  से भरी धरती सारी ।।

महाराणा प्रताप शिवाजी और वीरों की भूमि है अति प्यारी।।

भारतीय संस्कृति की महक है अति प्यारी।

इसे अपना रहे है सारी दुनिया के नर और नारी।।

यहां के रीति रिवाज तीज और त्योहार बनाते दुनिया भारत को महान है।

यहां के हर धार्मिक अनुष्ठान शादी विवाह रखते दुनिया में एक अलग स्थान है।।

भारतीय संस्कृति की जग मे होती एक अलग पहचान है ।।

इसलिए भारत महान  भारत महान है।।

– राजेश कुमार झा , बीना, मध्य प्रदेश

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