मनोरंजन

तमन्ना – सुनील गुप्ता

तमन्ना है मेरी बस एक यही,

कि, हर हाल में हो साथ तुम्हारा  !

करता हूं तुमसे विनती यही….,

कि गूंजें श्वासों में नाम तुम्हारा!!1!!

 

आशा है मेरे मन की यही,

कि रहे बना वरदहस्त सदा तुम्हारा !

विश्वास है मुझको तुमपे सदा ही …..,

कि, मिलेगा साथ प्रिय सदैव तुम्हारा !!2!!

 

इच्छा है बस इतनी सी एक

कि करता रहूं तुम्हारी बंदगी  !

और बनी रहे सदैव मुझपे कृपाएं…….,

चलूं हर्षाए मैं अपनी जिंदगी !!3!!

 

है तेरी रजा का बस इंतजार

और बैठा हूं लेकर बस यही आस !

चढ़ाकर मन भावों के सुमन सुंदर…..,

करता रहता हूँ तेरा ही अरदास !!4!!

 

तेरी मसरूफ़ियत का पता है मुझे

और लगा रखी है मैंने एक दरखास्त  !

मुझे है तुम पर पूरा भरोसा ….,

कि, होंगी मुझपे खुशियों की बरसात !!5!!

-सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान

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