वेदो ने गाय को भगवान बताया है,
कृष्ण सुदामा ने गाय साथ चुगाई,
गाय दोनों की प्राण थी,
गाय घर पर वरदान है।
गाय जीवन की गरीबी दूर करती,
इन्सान के जीवन में नूर भरती,
गाय सुख का सागर होती है,
गाय परिवार में खुशियाँ लाती है।
गाय बहुत भोली भाली होती है,
गाय का दूध अमृत होता है ,
गाय का पंचगव्य औषधि होती है,
गाय के गोबर में लक्ष्मी होती है।
गाय बड़ी मनभावन होती है,
गंगा जल सी पवित्र पावन होती है ,
गाय दर्शन मात्र से पुण्य मिलता है,
गाय दूध दही घी की खान होती है।
गाय का बछड़ा खास होता है,
उत्तम गुणगान होता है,
गाय में तैतीस कोटि देवता होते है,
गाय बहुत अनमोल होती है ।
– कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रुद्रप्रयाग उत्तराखंड