कसरी हराए मनका भावहरू हृदय खाली भो आज
कसैको मनको मिठास त कसै-कसैको गाली भो आज
पराकाष्ठाबाट गुज्रेको भान भैरेहेछ जीवन आफैंलाई
टठ्याई जानिन जीवनमा कसै नबज्ने ताली भो आज।।
पुरानै नजरभरि माछापुच्छ्रेबाट
मुक्ति (हिंदी) –
दिल के एहसास कैसे गायब हो गए आज दिल खाली खाली हो गया,
किसी की मिठास आज किसी की गाली बन गई है,
लगता है जिंदगी गुनहगारों से गुजरी है,
जिंदगी में कुछ करना तो नहीं आता पर आज ताली बज रही है,
माछापुच्छरे से पुरानी आँखों के माध्यम से।
– दुर्गा किरण तिवारी, पोखरा,काठमांडू , नेपाल