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नारी तू नारायणी – सुनील गुप्ता

नारी तू नारायणी

पूजी जाए घर-घर !

तू ही लक्ष्मी सरस्वती….,

बगैर तेरे सूना है घर !!1!!

 

तू है माँ अन्नपूर्णा

तू ही भगवती सावित्री !

तुझसे है घर की शोभा…..,

तू ही जीवनदायिनी  !!2!!

 

तू है जीवन संगिनी

है तू आदि परमशक्ति  !

तू ही जीवन की सविता…..,

है तू प्रेम करुणा भक्ति !!3!!

 

है तू माता बहना प्यारी

आए बेटी सलोनी बनकर !

बनी तू प्राण प्राणेश्वरी….,

रचे चले श्रृंगार सुंदर !!4!!

 

तू है देव माता गायत्री

पुनीत पावन गंगा माता !

तू ही दुःख-दर्द हरती….,

है तू ही पार्वती सीता !!5!!

 

तुझसे पाएं संबल प्राणी

और चलें रचाए यहां जीवन  !

है तू सर्वलोक कल्याणी…..,

तुझसे हर्षाए है जीवन !!6!!

 

तू ही जीवन अधिष्ठात्री

है तू ही पूजनीय आद्या  !

हे मातृ शक्ति तुझे नमन…..,

तू ही जीवन की विद्या  !!7!!

सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान

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