(1)”प “, परम पिता श्रीपरमेश्वर
कृपा सभी पर बनाए रखें !
बस रखें उन पर हम विश्वास….,
और धैर्य संग चलते यहां रहें !!
(2)”र “, रहता है जो सदैव खुश
उन पर प्रभु बरसाएं कृपाएं !
और चलें सभी काम बनाते….,
लुटाते अपनी सभी दुआएं !!
(3)”मा “, मानें जो प्रभु ईश्वर को
उन पर दुःख कष्ट ना आएं !
और गर आ भी जाएं तो…..,
उनका कुछ ना बिगाड़ पाएं !!
(4)”त् “, त्याग तपस्या सादगी से
जो चले जीवन को जीए !
उनके जीवन में परमात्मा…..,
सदा खुशियों के बीज है बोए !!
(5)”मा “, मानव सेवा की खातिर
जो तन मन जीवन है लगाए !
उनके जीवन में परमात्मा….,
सदैव प्रेम आनंद ही बरसाए !!
(6)”परमात्मा “, परमात्मा बसे हैं सभी में
बस देख समझ कुछ ही यहां पाएं !
हरेक जीवात्मा में उसका ही अंश……,
सदैव परिलक्षित होता देख पाएं !!
-सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान