मनोरंजन

ग़ज़ल (हिंदी) – जसवीर सिंह हलधर

तीन रंग की राखी लेकर ,बहन आज घर आई है ।

उसके प्रेम पगे धागों से, शोभित आज कलाई है ।

 

महक रहा है मौसम घर का ,चहक रहा कोना कोना ,

बहुत दिनों के बाद नीड़ पर ,चिड़िया दी दिखलाई है ।

 

अक्सर उसकी राखी मुझको , चिट्ठी में ही मिलती थी ,

पर इस बार सुयोग हुआ वो , घर पर बैठी पाई है ।

 

ख़ुद की रक्षा करने का , उसने संकल्प सुनाया है ,

मुझको देश धर्म की रक्षा , की सौगंध खिलाई है ।

 

बचपन की यादों में दोनों ,खोए खोए बैठे है ,

बात बात पर कहती है वो, शायर मेरा भाई है ।

 

केतु तिरंगा सजे दिलों में ,हर घर पर ये लहराए,

रक्षा बंधन पर “हलधर” भी देता आज बधाई है ।

– जसवीर सिंह हलधर, देहरदून

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