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कुमार संदीप की दूसरी किताब “लक्ष्य” भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध

neerajtimes.com मुजफ्फरपुर – कहा जाता है कि जब हौंसले मजबूत हो तो मुश्किलों की हिम्मत नहीं कि मुश्किल हमारे हौंसले को तोड़ने की कोशिश करे। मुजफ्फरपुर जिले के बंदरा प्रखंड के सिमरा गाँव निवासी ने हाल ही में अपनी पुस्तक ज़िंदगी से जंग लिखी थी जिसमें उसने 450 प्रेरणादायक विचार लिखा था। जो युवाओं को दुख के घोर तिमिर में आशा की अनगिनत किरण दिखाने में सक्षम है।

अब संदीप ने अपनी दूसरी किताब लिखी है जिसका नाम है: “लक्ष्य:एक अवसर”। इस पुस्तक में संदीप ने कुल 85 प्रेरणादायक कविताएँ लिखी हैं। हर कविता हमारे अंदर प्रेरणा का संचार करने में सक्षम है। संदीप की पुस्तक लक्ष्य से एक कविता– “लक्ष्य”

हुआ है जन्म मनुष्य के रूप में तो

कर इस हेतु ईश्वर का शुक्रिया,

जिस कार्य में है रत,

उस कार्य को कर निर्मल मन से।।

 

आती हैं मुश्किलें जीवन में तो आने दे,

मुश्किलों का भी करना स्वागत,

जिस पथ पर बढ़ा रहा है कदम,

निरंतर बढ़ते रहना हाँ आगे बढ़ते रहना।।

 

कोई तोड़ना चाहे कभी हिम्मत तो

हिम्मत तोड़ने वाले की कुछ ना सुनना

लक्ष्य पर नज़र रहे सदा, लक्ष्य से कभी भी

किंचित भी दिग्भ्रमित मत होना।।

 

जीवन का कुछ पड़ाव शुभ ना हो तो

होना मत किंचित भी मायूस

लक्ष्य होगा हासिल ही एक दिन, इस हेतु

हृदय में रखना अटूट आत्मविश्वास सदा ।।

©कुमार संदीप

संदीप की प्रेरणादायक काव्य संग्रह फिलिकार्ट व अमेज़न पर भी उपलब्ध है।

संदीप ने हमारी टीम को यह बताया कि मेरी इस सफलता का संपूर्ण श्रेय जाता है मेरे जन्मदाता पिता स्व०ब्रज किशोर मिश्र व जन्मदायिनी माँ रीणा देवी को व मेरे प्रिय गुरुजनों को।

संदीप की यह पुस्तक Amazon पर उपलब्ध है: https://amzn.eu/d/7xVVWU2

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