(1)”मंत्र “, मंत्र जाप से होएं सब भय दूर
और चले मन बने है निर्मल !
आएं नहीं कोई भी संकट……,
और बनें जीवन निष्कपट सरल !!
(2)”जाप “, जाप करें नित सुबह ओ शाम
और बनाएं जीवन को स्वच्छ साफ़ !
चलें प्रभु का करते नित्य पाठ……,
और बनाए चलें जीवन को पाक !!
(3)”दूर “, दूर भगाए ये सब रोग शोक
और हों शुभ मंगल सभी काम !
जीवन की हरेक विपदाओं को……,
सदा हरते चले श्रीहरि का नाम !!
(4)”करे “, करे जीवन का ये कल्याण
और सत्य मार्ग पर लेकर चले !
सदा बचाए अधर्म स्वार्थ से….,
और परमार्थ की ओर लेकर चले !!
(5)”जीवन “, जीवन सत्य से करा परिचय
ये ले चले जीवन लक्ष्यों की ओर !
मन में विश्वास उमंग जगाए……,
सदा जोड़े रखे प्रभु से मन की डोर !!
(6)”के “, केवल नाम मंत्र संकीर्तन
जीवन का करता है उद्धार !
चलें सदा प्रभु का करते स्मरण….,
तो, हो जाएंगे भवसागर से पार !!
(7)”शाप “, शाप होए चलें सभी शांत
ग़र जीवन में गुरुमंत्र मिल जाए !
कभी ना हो फिर मन अशांत……,
यदि साक्षात् गुरुकृपा मिल जाए !!
(8)”मंत्र जाप, दूर करे जीवन के शाप “,
और प्रभु शरण में लेकर जाए !
सदा जपते रहें प्रभु का नाम…..,
तो, जीवन हमारा सफल बन जाए !!
सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान