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धन्य मैं हो गयी धन्य तुम हो गये – अनुराधा पांडेय

गर्व जिस पर कर सकूँ मैं,एक ही बस पास वैभव ।

प्रिय ! प्रथम स्पर्श  तेरा……..

शेष कुछ भी मान धन पद ,

आज सुधियों में न संचित ।

याद करने योग्य कुछ भी

और बाकी है न किंचित ।

मात्र पाकर साथ मेरा…

याद आता हर्ष तेरा ।

#प्रिय ! प्रथम स्पर्श तेरा……

 

याद आता प्रेम पथ में,

पूर्ण जग को भूल जाना ।

एक ही वो ध्येय तेरा ,

बस मुझे उर से लगाना ।

याद है मुझसे प्रणय हित…

रोध से संघर्ष तेरा ।

#प्रिय ! प्रथम स्पर्श तेरा……

 

याद है तेरे अधर की,

उस प्रथम स्वर्गिक छुवन की ।

चेतना पर लिख गई है ,

रात वो पहली मिलन की ।

याद है निज धड़कनें औ ,

साँस का उत्कर्ष तेरा ।

#प्रिय ! प्रथम स्पर्श तेरा…….

– अनुराधा पांडेय , द्वारिका , दिल्ली

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