मेरे चाहने वालों आज मेरा जन्मदिन है,
मुझे चाहने वाले सभी लोग खूब दो बधाई।
सुख,समृद्धि,मंगल-ही-मंगल का बहार हो,
मेरी खुशी के लिए कोई बजा दो शहनाई।।
दिव्य परमात्मा ने भेजा मुझे पावन धरा में,
जन समुदायों को शिक्षित बना करने सेवा।
आनंद, शांति से जीवन व्यतीत कर रहा हूँ,
तुम्हारी उपकार को कभी नहीं भूलूँगा देवा।।
सपूत बन माता-पिता का रखूँगा ख्याल,
पति बन ना छोडूँगा कभी पत्नी का हाथ।
पिता बन करूँगा बच्चों का अच्छी पालन,
हर कदम पर, हर घड़ी निभाऊँगा साथ।।
अति सौभाग्य की बात है मैं बना गुरुवर,
अज्ञान अंधेरे को मिटा करने ज्ञान प्रकाश।
अध्येता कर्म करके हासिल करेंगे मंजिल,
प्रगति पथ में आगे बढ़ छुऐंगे आकाश।।
जन्मों-जन्म के महापुण्य फल से बना कवि,
कविता की जलती मशाल से फैलेगी जागृति।
समाज संगठित हो एकता की राह में चलेंगे,
रूढ़ीवाद और अंधविश्वास से मिलेगी मुक्ति।।
– अशोक कुमार यादव मुंगेली, छत्तीसगढ़