मनोरंजन

गीतिका – मधु शुक्ला

भू  सुरक्षा  के  लिए  जंगल  बचायें,

हम सभी मिल क्षेत्रफल इनका बढ़ायें।

 

शुद्ध  पर्यावरण   रखते  वन  हमारे,

आक्सीजन  के  यही  तो  हैं  सहारे।

 

प्राप्त  दुर्लभ  हों  जड़ी  बूटी वनों से,

कीमती  लकड़ी  मिले  मोटे तनों से।

 

बादलों  को  प्यार  से  जंगल बुलाते,

नीर  वर्षा  सोख  कर जंगल बचाते।

 

जंगलों   में   जानवर  रहते  सुरक्षित,

ईश  ने  जंगल  किए उनको समर्पित।

 

यदि  हमें  सर्वत्र  मंगल  चाहिए  तो,

प्यार  देकर  जंगलों  को  पाइए  तो।

— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश

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